आज देखा जाए तो हजार में से 10 ,11 लोगों को ओसीडी की बीमारी हैl इसमें इंसान जो सोचना नहीं चाहता वे विचार उसके मन में बार-बार आते हैं ।
आज बहुत से लोगों को धार्मिक ओसीडी है। इसमें लोग भगवान के डर से अपना बहुत समय और पैसा बर्बाद कर देते हैं ।यह एक वहम की बीमारी है ,जिसमें इंसान सोचता है कि अगर ऐसा नहीं करूंगा तो मेरे साथ भगवान बुरा कर देगा मेरे परिवार को नुकसान हो जाएगा ।
कई लोग तो मन्नत मांग लेते हैं कि अगर मेरी यह बीमारी ठीक हो जाएगी तो या हमारे बच्चा हो जाएगा या कोई अन्य कारण से जानवरों की बली चढ़ा देते हैं । इसलिए यह बहुत भयंकर बीमारी है l जिसमें निर्दोष प्राणी भी सजा के भागी बन जाते हैं।
जब तक लोग अपनी मन्नत पूरी नहीं करते वे डरे हुए रहते हैं कि घर में कोई अनहोनी ना हो जाए। कई लोग पंडितों को बहुत पैसा देते हैं वे सोचते हैं कि इससे हमें पुण्य मिलेगा ।वे उन्हें बहुत पवित्र समझते हैं।
इस धरती पर सभी इंसान एक जैसे हैं फिर भी हमने लोगों को जातियों में बांट दिया ऊंची और नीची । जो लोग अपने आप को ऊंची जाति में समझते हैं वे कोई भी घर में अनुष्ठान करते हैं तो सोचते हैं कि नीची जाति जो हमने ही बनाई है को इसमें शामिल नहीं करेंगे इससे हमारी पूजा आराधना व्यर्थ चली जाएगी फिर दोबारा करनी पड़ेगी। ऐसे लोग उन लोगों के घर में भी जाते हैं तो वापस आने पर अपने शरीर पर ठंडे पानी के छींटे लगाते हैं वे मानते हैं कि हम अशुद्ध हो गए हैं छींटे लगाने से शुद्ध हो जाएंगे।
कई ज्योतिष, वास्तुशास्त्र वाले भी वहम में डाल देते हैं कि पेपर देने जाने से पहले मंदिर गुरुद्वारे में कोई फल नहीं चढाओगे तो पेपर अच्छा नहीं होगा l इसलिए लोग डर से फल चढ़ाते हैं। कई औरतें व्रत करती हैं तो अगर भूल से कुछ खा ले तो डर जाती है कि भगवान हमें सजा दे देगा हमें पाप लग जाएगा और कई लोग बहुत दूरी वाले धार्मिक स्थानों पर पैदल चल पड़ते हैं क्योंकि उन्होंने मन्नत मांगी होती है l पैदल चलने से उनके पैरों में छाले पड़ जाते हैं l बहुत तंग होते फिर भी ऐसे जाल में फसे रहते हैं। अपने शरीर को बहुत कष्ट देते हैं। कई लोगों को देखा है जो बस, गाड़ी में जा रहे होते हैं तो ड्राइवर या तो होरन बजाता है या हाथ जोड़ता है।
हमारे भी हम घर के सभी सदस्य सालासर गए थे वहां जाने के बाद बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी तो हमारे घर वालों ने हजार रुपए की वीआईपी टिकट खरीदी और मंदिर में बहुत जल्दी प्रवेश कर लिया और खुश हो गए कि हमें साक्षात भगवान के बिल्कुल नजदीक से दर्शन हुए हैं हम धन्य हो गए।
यानी अब लोग भगवान को भी रिश्वत देने लग गए ।कई लोग घर में रात को पूजा करते हैं तो उनका वहम होता है कि जब तक लौ ना आए तब तक पूजा अधूरी है ,भगवान प्रसन्न नहीं होते इसलिए वे घी चढ़ाते रहते हैं और जब लौ आ जाती है तब खुश हो जाते हैं कि भगवान हमसे राजी हैं
बहुत से लोग तो इन धारणाओं में फंसे रहते हैं, पर कई लोग इन विचारों से परेशान आकर खुद को इनसे निकालना चाहते हैं।
इसलिए जब भी मन में धार्मिक वहम से संबंधित कोई विचार आए तो ऐसे सोच लेना है कि यह मैं नहीं यह तो मेरी बीमारी ओसीडी है यह विचार मेरा नहीं है ।दूसरा तरीका जब भी डर के विचार आए तो अपने सांसो पर ध्यान कर ले जैसे-जैसे हमारी सांस अंदर जाती है और बाहर आती है तो उस सांस पर ध्यान करें और एक और तरीका यह सोच ले कि मैं कोई रिचुअल नहीं करूंगा जो होगा हो जाएगा तभी हम इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।
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