कभी-कभार नींद ना आना एक सामान्य बात है पर लंबे समय तक ये चलता रहे तो ये एक बीमारी का रूप ले लेता है। नींद ना लेने के कारण अन्य शारीरिक और मानसिक परेशानियां भी उत्पन्न होने लगती हैं इसलिए समय रहते इसका इलाज किया जाना जरूरी है। नींद ना आना या Insomnia के कारण हमारी कार्यक्षमता, एकाग्रता और दैनिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित होती हैं।
फिर भी एक अच्छी बात ये है कि हम स्वयं प्रयास करके इससे निजात पा सकते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए हमें क्या करना है इसके बारे में हम विस्तार से उन उपायों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें अपनाकर हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
नियमित दिनचर्या रखें- अस्त–व्यस्त दिनचर्या और जीवनशैली हमारे नींद के पैटर्न को काफी हद तक प्रभावित करती है। अच्छी नींद के लिए हमें इसे व्यवस्थित करना चाहिए। सोने और जागने का समय निश्चित करें। ऐसा करने से आपका दिमाग इस पैटर्न को ग्रहण कर लेता है और फिर धीरे-धीरे ये आदत में तब्दील हो जाता है।
बेडरूम को व्यवस्थित और शांत रखें- हमारा सोने का स्थान व्यवस्थित और शोर-शराबे से दूर होना चाहिए। रोशनी भी कम रहनी चाहिए। कम रोशनी हमारे दिमाग को संकेत देती है कि सोने का समय हो गया है और हमें एक सुकूनभरी नींद प्रदान करती है।
दिनभर का तनाव और थकान दूर करें- इसके लिए आप शाम के समय गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हैं। शाम को घर पर काम-काज और व्यवसाय के बारे में सोचने की बजाय परिवारजनों के साथ समय बिताएं, हल्का और पसंदीदा संगीत सुनें या ऐसा कुछ जिससे आपको अच्छा महसूस हो।
रात का खाना जल्दी लें– रात का भोजन सोने से कम से कम दो घंटे पहले कर लेना चाहिए। भोजन हल्का लें और इसके बाद तुरंत बिस्तर पर ना जाएं।
व्यायाम करने की आदत डालें- एक तो ये हमारे मूड को अच्छा रखता है और व्यायाम करने वालों के शरीर को आराम की जरूरत होती ही है इसलिए ये हमें अच्छी नींद लेने में मदद करता है। व्यायाम के तौर पर आप 40-45 मिनट रोज टहल भी सकते हैं।
शाम को चाय-कॉफी ना लें- चाय या कॉफी हमारे दिमाग को सक्रिय और अलर्ट रखने में मदद करती है पर जिन्हें नींद की समस्या है उन्हें इनसे परहेज करना चाहिए। शाम को 4-5 बजे के बाद इनका सेवन ना करें।
सोने से पहले गुनगुना दूध लें- रात के भोजन के आधा या एक घंटे बाद गुनगुने दूध का सेवन करना भी अच्छी नींद लाने में सहायक होता है।
नींद आने पर ही बिस्तर पर जाएं- बिस्तर पर ऐसे ही लेटे रहने, टीवी देखने, मोबाइल फोन प्रयोग करने की आदत से बचें। जब नींद आए तब ही बिस्तर पर जाएं और यदि फिर भी नींद ना आ रही हो तो कुछ और करने की बजाए थोड़ा टहल सकते हैं।
फोन, कंप्यूटर और टीवी का प्रयोग कम करें- कम से कम रात को सोने के समय से एक घंटा पहले इन चीजों से दूर रहें। इनकी आंखों पर पड़ने वाली रोशनी अच्छी नींद लेने में मुश्किल पैदा करती है और इससे दिमाग भी सक्रिय रहता है जिससे सोने में समस्या आती है। ऐसी गतिविधियों से बचें।
इन टिप्स का प्रयोग आप बेहतर नींद के लिए कर सकते हैं।
इसके अलावा यदि आप खुद इससे निकलने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो हमारे काउंसलिंग और साइकोलॉजी विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं।
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