डिप्रेशन से बचने के आसान उपाय

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आजकल के आधुनिक और जटिल जीवन में डिप्रेशन एक प्रमुख रोग बनता जा रहा है। आज के समय में हम इस प्रकार की तकनीक और सुविधाओं का उपयोग कर पा रहे हैं जिसकी पुराने दौर में किसी ने कल्‍पना भी नहीं की थी। इतना सब होने और सभी प्रकार की शारीरिक सुविधाओं को जुटा लेने के बावजूद अगर हम मन-मस्तिष्‍क से संबंधित किसी परेशानी में पड़े हुए हैं तो जीवन में निराशा आना स्‍वाभाविक है और जब ये निराशा एक हद तक बढ़ जाए तो व्‍यक्ति डिप्रेशन(अवसाद) का शिकार हो सकता है।https://www.youtube.com/watch?v=rfQzdBQ6mlY

तो डिप्रेशन से बचने के तरीकों पर चर्चा करने से पहले हम यह जान लें कि वे कौन से लक्षण हैं जिनसे हम इस रोग की पहचान कर सकते हैं-

  • लंबे समय तक उदासी की भावना जिसकी अवधि दो सप्‍ताह या इससे अधिक हो सकती है।
  • बहुत कम नींद आना या सामान्‍य से अधिक समय तक नींद आना
  • किसी भी काम में मन नहीं लगना, यहां तक कि उन कामों में भी नहीं जिन्‍हें आप करना पसंद करते हों।
  • सभी से कटा हुआ महसूस करना और अकेले रहने की इच्‍छा। किसी से बात करने की इच्‍छा ना होना और चिढ़चिढ़ाहट।
  • खाने-पीने की आदतों में परिवर्तन। या तो बहुत अधिक खाना या बहुत कम खाना।
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  • निराशा की भावना, खुद को बेकार समझना और आत्‍महत्‍या के विचार आना।
  • बहुत थकावट और ऊर्जा की कमी महसूस होना।
  • नकारात्‍मक विचारों से घिरे रहना और बेवजह चिंता करना।

यदि इस प्रकार के कुछ लक्षणों को आप महसूस कर रहे हैं तो संभव है आप डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं।

परंतु जिस प्रकार हर ताले की चाबी होती है और हर समस्‍या का कोई ना कोई हल होता है, डिप्रेशन को ठीक करने के भी उपाय मौजूद हैं।

डिप्रेशन से बचने के कुछ ऐसे उपाय जिन्‍हें आप स्‍वयं आजमाकर डिप्रेशन से बच सकते हैं उनके बारे में जानना हर डिप्रेशन के रोगी के लिए महत्‍वपूर्ण है चाहे आप स्‍वयं इससे लड़ने की कोशिश कर रहे हों या किसी विशेषज्ञ की सेवाएं ले रहे हों।

  1. सबसे पहली बात है कि दिनचर्या को नियमित रखें और दिनचर्या में स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गतिविधियों को शामिल करें। हालांकि ध्‍यान रखें पहले दिन से ही कोई बड़े लक्ष्‍य ना बनाएं और तुरंत ही परिणाम पाने पर निराश ना हों। खुद को थोड़ा समय दें। समस्‍या एक दिन में पैदा नहीं हुई है तो ठीक भी अचानक से नहीं होगी।
  2. शारीरिक गतिविधि को अपने रोज के कार्यक्रम में शामिल करें। व्‍यायाम आदि गतिविधियां हमारे दिमाग के हॉर्मोन्‍स को संतुलित रखती हैं तो जितना हो सके उतना व्‍यायाम या अन्‍य शारीरिक गतिविधि जिनमें घर के काम करना शामिल हो सकता है जरूर करें। आप आउटडोर गेम्‍स भी खेल सकते हैं।
  3. अच्‍छा और संतुलित भोजन लें जिनमें प्राकृतिक आहार शामिल हो जैसे मेवे, फल, अंकुरित अन्‍न इत्‍यादि। पैकबंद पदार्थ और फास्‍ट फूड से दूर रहें। चाय, कॉफी और शक्‍कर जितना हो सके कम से कम लें।
  4. अच्‍छी नींद लें। एक अच्‍छी नींद हमारे मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए टॉनिक का काम करती है। अच्‍छी नींद के लिए देर रात तक काम करने की आदत छोड़ें। याद रखें काम से महत्‍वपूर्ण हम हैं। रात्रिभोजन जल्‍दी करें और उसके बाद मोबाइल फोन, टीवी, कंप्‍यूटर से दूर रहें। टहलें, अच्‍छी पुस्‍तकें पढ़ें, हल्‍का संगीत सुनें।
  5. रोज कुछ समय सुबह की धूप लें। डिप्रेशन में ये बहुत अच्‍छे परिणाम देती है। विटामिन डी की कमी निराशा की भावना को बढ़ाती है।
  6. नकारात्‍मक माहौल, नकारात्‍मक बातें करने वाले और बिना मांगे सलाह देने वालों से दूर रहें। इसकी बजाय आप कहीं घूमने निकल जाएं, कोई हल्‍की फुल्‍की फिल्‍म देखें या जो भी आपको सुकून पहुंचाए वह करें।
  7. अपने शौक को जरूर समय दें। डिप्रेशन में मन को किसी भी काम में लगाना या एकाग्र करना मुश्किल होता है। पर शौक ऐसी चीज है जिसे करने में हमें बहुत प्रयास करने की जरूरत नहीं पड़ती और यह हमें प्रसन्‍नता और ऊर्जा प्रदान करता है। बागवानी करना या पेड़-पौधे लगाना भी एक ऐसा शौक है जो डिप्रेशन से ग्रस्‍त लोगों को काफी सुकून पहुंचाता है।
  8. थोड़ा समय प्रकृति के साथ गुजारें। ऐसी जगह का चुनाव करें जहां शांति हो और हरियाली हो। वहां कुछ देर बैठें। सुबह के समय अपनी छत या बालकनी में भी आप कुछ देर बैठ सकते हैं।
  9. अक्‍सर बैठे हुए या टहलते हुए गहरी सांसे लें और यदि आप कर सकते हैं तो प्राणायाम करें, प्राणायाम काफी लाभदायक है अवसाद की स्थिति में।
  10. लोगों से जिनके साथ आप अच्‍छा महसूस करते हों जुडें। लोगों ही नहीं पशु-पक्षियों से भी जुडें। मोहल्‍ले या आसपास घूमने वाले पशुओं को कुछ खाने को दें। आप अच्‍छा महसूस करेंगे।

एक और सबसे महत्‍वपूर्ण उपाय-

अपनी भावनाओं को व्‍य‍क्‍त करें। आप कुछ कहना चाहते हैं या कुछ करना चाहते हैं तो उससे संबंधित समूह या उसमें रुचि रखने वाले लोगों से जुड़ें। प्रत्‍यक्ष जुड़ना संभव ना हो तो इंटरनेट तो है ही। अपनी दबी हुई भावनाओं को डायरी में भी लिख सकते हैं।

अगर आप डिप्रेशन के लिए काउंसलिंग या थैरेपी लेना चाहते हैं तो इन नंबरों पर संपर्क अथवा Whatsapp message कर सकते हैं-

8053770007, 9468307000, 7494869711

 

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