मनो ग्रसित बाध्यता विकार

मनो ग्रसित बाध्यता विकार

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इसमें कोई भी काम की पुनरुक्ति होती है यानी वह काम बार-बार होता है ।कई लोग अपने हाथों के नाखून चबाते रहते हैं, उनके मन के अंदर बहुत उलझन होती है इसलिए बाहर से ये एक्शन करते रहते हैं ।कई लोगों को आदत होती है कहीं भी खड़े होते हैं या किसी के साथ बात करते हैं तब सिर में या बॉडी पर खुजली करते रहते हैं वास्तव में उनको कोई खुजली की बीमारी नहीं होती । उनके अंदर परेशानी होती है चिंता होती है और वह आदत पड़ जाती है। कई औरतें जब रात को सोने के लिए जाती है तो बार-बार रेगुलेटर चेक करती है कि बंद हुआ या नहीं अगर गैस निकल गई तो आग लग जाएगी ,नुकसान हो जाएगा ऐसे बुरे बुरे ख्याल उनके मन में आते रहते हैं ,बार बार फिर वह चेक करने जाती है इसमें हमारा बहुत समय खराब हो जाता है l

कई आदमी जब खालीबैठे होते हैं तब बहुत सारी बीड़ी सिगरेट पी जाते हैं और माचिस की तिलिया भी बहुत जला देते हैं यानी उनका ध्यान कहीं और ही होता है यह ओसीडी ही है । यह धूम्रपान शरीर के लिए नुकसानदायक होता है ।कुछ औरतें जोकि ससुराल में दुखी होती है उनका मन किसी काम में नहीं लगता ,वे किसी को ये बातें बताती भी नहीं है अंदर ही दबा लेती है और फिर वह पागलों जैसी हरकत करने लग जाती है। घरवाले उसे मेहंदीपुर या अन्य धार्मिक स्थानों पर लेकर जाते हैं समय और पैसा खराब होता है पर फिर भी इलाज नहीं हो पाता ऐसी बीमारी का इलाज करने के लिए मनोवैज्ञानिक की सलाह लें।

इसमें परिवार की सहयोग की भी जरूरत होती है। और अगर आपको बीड़ी सिगरेट पीने की आदत है ,गैस बार-बार चेक करने की आदत है तो ऐसी आदतों से छुटकारा पाने के लिए ट्रीटमेंट खुद ही कर सकते हैं

पहला कि जब भी आप ओसीडी से संबंधित कोई काम करते हो तो ऐसे सोच लेना कि यह मेरी बीमारी है और उसको छोड़ दे।

दूसरा कि जब भी आप किसी बात से परेशान होकर ओसीडी से संबंधित काम करते हैं तो सोचे कि मेरी परेशानी की उत्तर दायी ओसीडी है मैं नही।

तीसरा कि जब यह ख्याल आए तो अपना ध्यान कहीं और केंद्रित कर ले या गहराई में सांस ले सकते हैं। जिससे इस बीमारी में आराम मिलेगा।

तो अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आप भी हमें call कर सकते हैं और हम से बात कर सकते हैं । We are available 24×7.

धन्यवाद।

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