कहीं आप अहंकार को स्वाभिमान समझने की बहुत भारी चूक तो नहीं कर रहे

कहीं आप अहंकार को स्वाभिमान समझने की बहुत भारी चूक तो नहीं कर रहे

Share This Post

है हिम्मत तो बेच कर दिखाओ अपने Ego को बाजार में l दो कौड़ी जब मोल न मिलेगा तब मालूम पड़ेगा की कचरा संभाल कर रखा था बेकार में l कही आप अपने अहंकार को अपना स्वाभिमान तो नहीं समझ रहे?

‘Ego ‘तीन अक्षर का यह छोटा सा शब्द बड़ी – बड़ी गलतफहमियां पैदा करने की हैसियत रखता है l हैरत की बात है की अहंकार के चलते इंसान अपने रिश्ते तक तोड़ने को तैयार हो जाता है पर जिद्द छोड़ने को नहीं I फिर चाहे वो पति पत्नी का रिश्ता हो, पिता पुत्र का रिश्ता हो, भाई बहिन का रिश्ता हो या फिर प्रेमी प्रेमिका का रिश्ता हो l अक्सर हम देखते है की हम दुसरो को झुकाने के चक्कर में रिश्तों की बलि चढ़ा देते है l पर हार नहीं मानतेI कई बार हमे सॉरी बोलने का मन भी होता है पर जनाब हमारा अहंकार बोलने दे तब ना l मर जायेंगे मिट जायेंगे पर सॉरी तो बोलेंगे ही नहीं l अहंकार यानि अहम् की भावना l एक ऐसी भावना जिसमे हमे लगता है की हम ही सही है और सामने वाला गलत l ये Ego पैदा कैसे होता है? Ego डर से पैदा होता है l हार जाने का डर, हार मानने का डर, किसी के आगे झुकने का डर, झुक जायेंगे तो insult हो जाएगी वो डर l हम सब के अंदर एक रावण है l अहंकार का रावण जो हमेशा मै-मै करता रहता है l रिश्ते टूटने का बहुत बड़ा कारण ये अहंकार ही है l क्यूंकि रिश्तों में भी जिसके अंदर अहंकार होता है उस व्यक्ति को दुसरो में हमेशा दाग ही दिखाई देता है l लेकिन सच तो यह है की धूल उसकी खुद की आँखों में होती है l कई बार लोग Ego और self esteem को एक ही सिक्के के दो पहलु समझ लेते है l Ego और Self esteem एक ही चीज़ नहीं होती जिसमे जितना ज्यादा अहंकार होगा उतना ही कम स्वाभिमान होगा l

अहंकारी व्यक्ति को दुसरो में कुछ भी अच्छा नहीं लगता l वह दुसरो को हमेशा dominate करता है l अगर हम में अहंकार की भावना प्रबल है तो हम दूसरों को हमेशा अपने अनुसार चलाना चाहते हैं l जैसा हम चाहते हैं वैसा ही दूसरा इंसान करे l हम बोलें तो उठे हम बोलें तो बैठे I आपने देखा होगा रिश्तों में भी हम अपने हक़ का गलत इस्तेमाल करते हैं I ये मत करो, इधर मत जाओ इससे क्यों बात करते हो, उससे क्यों बात करते हो l तुम ये नहीं करोगे, तुम वो नही करोगे etc.. हम दूसरों को दबाने की कोशिश करते हैं l फिर चाहे वो कोई भी रिश्ता क्यों न हो l क्यूंकि इससे हमारा ego satisfy होता हैं l जबकि इसके ठीक opposite स्वाभिमानी इंसान दूसरों को उनकी बुराइयों के साथ accept करने की क्षमता रखता हैं l इसको हम ऐसे कह सकते हैं की Ego किसी को ऊपर उठने नही देता और self esteem किसी को नीचे झुकने नही देता l

रिश्तों में यदि अहंकार बीच में आ जाये तो ये रिश्तों को दीमक की तरह खा जाता है l अहंकारी इंसान सिर्फ खुद से ही प्यार करता है l जबकि स्वाभिमानी इंसान खुद से भी प्यार करता हैं I अहंकार एक negative trait है जबकिस्वाभिमान एक positive.एक बहुत ही पतली सी रेखा है Ego or self esteem के बीच l उस फर्क को समझने की कोशिश कीजिये l ध्यान से सोचिये की जिसे आप अपना स्वाभिमान समझ रहे हैं कहीं वो आपका अहंकार तो नही l स्वाभिमानी इंसान के लिए माफ़ी मांगना बहुत आसान होता है जबकि अहंकारी इंसान के लिए माफ़ी मांगना किसी युद्ध लड़ने से कम नही होता l रिश्तों को सहेज कर रखना पड़ता है l कभी माफ़ कर दे तो कभी माफ़ी मांग ले l और अगर माफ़ी मांगना और माफ़ करना आपको भी युद्ध लड़ने से कम नही लगता और आप किसी Relationship Counsellor से बात करना चाहते हैं l तो Psycho guru team आपको सुनना चाहती है l

You can call us on the given numbers. We are always there to help you.

Telephone no: +91 94858 70000, +91 80537 70007, +91 74948 69711

E -mail id – [email protected]

Contact Our PsychoGuru Team

Get Free Consultation from our experts

More To Explore

समलैंगिक ओसीडी(Part-II)

समलैंगिक होने और HOCD होने में अंतर समलैंगिक होने और HOCD होने में अंतर है। आपको संकेत मिल सकता है कि आप समलैंगिक हैं। लेकिन उस विचार के ठीक बाद

समलैंगिक ओसीडी(Part-I)

क्या आपको डर है कि आप समलैंगिक हो सकते हैं? क्या आपको डर है कि आप एक ही लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षित हो सकते हैं? क्या आपको डर

Scroll to Top
Scroll to Top