ऐसा माने कि जैसे मन एक पर्दा है l जैसे पर्दे पर कोई चित्र उभरता है, गायब हो जाता है ,पर्दा कभी बदलता नहीं है l इसी प्रकार हमारे मन में कोई विचार आता है, भाव आता है, और चला जाता है l OCD डिप्रेशन में होता क्या है, कि उस विचार और भाव को ही सच मान लिया जाता है l उसे आर पार होने नहीं दिया जाता है जैसे चलचित्र चलते रहने से कभी पर्दा हिलता नहीं है l पर्दे को कोई फर्क नहीं पड़ता है, चाहे चित्र डरावना आए चाहे प्यार भरा l पर्दा तो हमेशा एक जैसा रहता हैl इसी प्रकार हमें अपने मन को देखना है, जब भी कोई विचार आए l अगर आप इस आने-जाने को देखने लग जाए और observe करने लग जाए तो ocd डिप्रेशन से जो जुड़ाव हो चुका है वो tudav में बदल जाएगा क्योंकि हम उन विचारों से अटैच नहीं हो रहे, हम उनसे अब दूरी बना रहे हैं lजैसे कोई खेल चल रहा हो, और हम सिर्फ देख रहे हो l वास्तव में मन में बहुत सा खेल ही तो चलता है , जब हम यह सब नहीं समझ पाते तब हम उस खेल में शामिल हो जाते हैं l अगर हम सिर्फ दर्शक बनकर उन्हें देखते रहेंगे तो यह विचार यह भावनाएं हमें परेशान नहीं करेगी l विचारों पर कोई लेबल ना लगाएं ना अच्छा विचार, ना बुरा विचार सिर्फ और सिर्फ एक विचार l विचार आएगा और अपने आप ही चला जाएगा l अगर आप सिर्फ इसको देखने की प्रैक्टिस करेंगे तो धीरे-धीरे यह होना शुरू हो जाएगा l बस आपको यह नजरिया रखना है कि यह मेरे विचार है मैं नहीं, और विचार तो आते जाते रहते हैं l उपरोक्त बातों में एक बात का ध्यान रखें किसी भी विचार भावना को उत्तर ना दे, ना अच्छा उत्तर , ना बुरा उत्तर ना ही किसी विचार को शांत करें और ना किसी अन्य विचार को पैदा करें l बस उसे देखते रहे , देखते रहे और observe करते रहे ऐसा कुछ दिनों तक करने से विचारों से और भावनाओं से दूरी बन जाएगी l जिससे आपको OCD, डिप्रेशन से बाहर निकलने में बहुत मदद मिलेगी l आप भी अगर विचारों के इस दलदल में फंसे हुए हैं, और बाहर नहीं निकल पा रहे हैं l तो आप online और offline counselling ले सकते हैं psycho guru team से l नीचे दिए गए numbers पर call कीजिए और हमसे बात कीजिए l
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