चिंता से तात्पर्य डर और आशंका की दुखद भावों से होता है इस तरह से चिंता से कई तरह के मानसिक विकृतियों की उत्पत्ति होती है चिंता हर व्यक्ति को होती है परंतु उस चिंता को लेकर जब हमारे मन में पूरी तरह से नकारात्मक विचार आते रहते हैं और हम हमारी दैनिक दिनचर्या को ठीक से जी नहीं सकते तो उसे हम राइटिंग डिसऑर्डर कहते हैं
टाइप्स ऑफ़ डिसऑर्डर
- फोबिया
- पैनिक डिसऑर्डर
- ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर
- पोस्ट्ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
तो आज हम फोबिया के बारे में जानेंगे फोबिया यह एक बहुत ही सामान्य चिंता है जिसमें व्यक्ति किसी ऐसी विशिष्ट वस्तु या परिस्थिति से डरता है जो वास्तव में होता ही नहीं है फोबिया में हमारे मन में बार-बार लगातार डर के विचार आते हैं जिस कारण हमें घबराहट या बेचैनी होती रहती है परंतु वास्तव में वह सिर्फ विचार होता है हकीकत में डर वाली कोई बात नहीं होती जैसे कुछ लोगों को मकड़ी से डर लगता है तो वह मकड़ी को देख कर भाग जाते हैं जबकि वास्तव में डरने वाली कोई बात नहीं होती हम तभी फोबिया को मानते हैं जब किसी व्यक्ति को लगातार डर वाले विचार आते हैं और उन विचारों के कारण व्यक्ति ठीक प्रकार से व्यवहार नहीं कर सकता और उसको सामान्य जीवन जीने में परेशानी होती है
फोबिया के लक्षण
- किसी विशिष्ट परस्थिति या वस्तु से इतना अधिक डर जो वास्तव में खतरे के अनुपात से कहीं अधिक होता है
- व्यक्ति को जब उस विशिष्ट वस्तु या परिस्थिति का सामना होने पर अत्यधिक चिंता या पैनिक अटैक हो जाना
- व्यक्ति और रोगी समझता है कि डर अत्यधिक या वास्तविक है
व्यक्तियों से फोबिया के प्रकार 1.स्पेसिफिक फोबिया - अगोराफोबिया
- सोशल फोबिया
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