मेरा नाम हर्षा मिश्रा, उड़ीसा से हूं। (Identity and location has been changed)
मैं अपनी OCD के बारे में लिख रही हूं l
जब मैं क्लास 10th में थी तब मुझे हमेशा यही Thoughts आते की मुझे first division लाना ही हैl मैं कुछ भी काम करती , तो मैं हमेशा Count करती रहती l तब मुझे नहीं पता था कि यह मेरी सोच नही धीरे-धीरे आदते बढती गई। और दूसरे दूसरे विचार मन में आते रहते Like कोई भी गलत Words बार-बार Mind में आते , और मैं उस Words पर react करती ही रहती कि अब यह ठीक हो जाएगा। परंतु नहीं एक Thoughts खत्म होते ही नही दूसरे Thoughts दिनभर दिमाग में कुछ ना कुछ चलते ही रहता।
भगवान को मैं बहुत मानती हूं उन से Related भी गलत विचार आने स्टार्ट हुए बहुत खराब Feel होता था। मैं किसी को अपनी यह आदत के बारे में नहीं बोल सकी और यह सब चलता रहा। study करते टाइम भी बहुत प्रॉब्लम होती थी टाइम चलता रहा । मेरी शादी भी हो गई Baby हुआ सब ठीक था परंतु अचानक एक ऐसा इंसिडेंट हुआ जिसे मेरी प्रॉब्लम और बढ़ गई। मैं मायके में रात को सो रही थी अचानक से चौर आया जिसने मेरी गले की चैन खींचने की कोशिश की अचानक मेरी मेरी आंखें खुल गई और मैं चिल्लाई उसके बाद मुझे दो-तीन बार डरावने सपने भी आए जिसे मैं बहुत ज्यादा डर गई और जब से मेरे अंदर डर, anxiety यह सब होने लगा तभी भी मैंने किसी से कुछ नहीं कहा। एक दो बार ऐसा लगा कि मैं मर जाऊं। मेरे बेटे के लिए भी मुझे गलत विचार आते थे कि मैं उसे कहीं हानि ना पहुंचाऊं।
एक दिन मैंने सर्च किया YouTube पर कि यह सब है क्या तब मैंने Rajendra sir का वीडियो देखा तब मुझे पता चला कि यह सब OCD है। और मुझे उम्मीद मिली कि मैं ठीक हो सकती हूं। फिर मैंने अपने पति से बात की उन्होंने कहा यह सब Thought है हमें भी तो आते रहते हैं। कभी-कभी फिर धीरे-धीरे मैंने उन्हें वीडियो भी दिखाया तब वह मुझे समझे और मैंने अपने भाई को भी बताया वह भी मेरे साथ थे। तब मुझे Psychiatry के पास ले गये उन्होंने Medicine और diet प्लान लिखा 2 क्लास के बाद Continue नहीं कर पाई क्योंकि मेडिसिन के Side Effect बहुत थे।
मैंने Rajendra sir के Psycho Guru Team पर Call किया और कल्पना मैम से online class ली first Class से ही recover होना दिखा अब मेरी Class Complete हो गई है। और मैं पहले से काफी better Feel कर रही हूं। यह थी मेरी आपबीती जो मैं Share कर रही हूं।
Thanks, Rajendra sir